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गारंटी और वारंटी में क्या फर्क है! एक बार जरूर पढ़ें

Warranty

हेलो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, दोस्तों हम जब भी कोई सामान खरीदते हैं तो हम उस की गारंटी और वारंटी के बारे में जरूर पूछते हैं. लेकिन बहुत सारे लोगों को नहीं पता होता की गारंटी का क्या मतबल है और वारंटी का क्या मतबल है| इस वजह से कुछ लोग कनफ्यूजन में पड़ जाते हैं और उन्हें कभी-कभी गारंटी या वारंटी का सही मुआवजा नहीं मिल पाता है|

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आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा की गारंटी और वारंटी का सही मतलब क्या होता है. यदि आप गारंटी और वारंटी का फायदा लेना चाहते हैं तो आपके पास कंपनी का गारंटी या वारंटी का बिल होना जरूरी है अगर आपके पास बिल है फिर भी कोई सेलर आपको इसका फायदा नहीं देता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं|

वारंटी क्या होती है

यदि आपको किसी सामान पर वारंटी मिलती है तो आप उस सामान के खराब होने पर उसको रिपेयर करा सकते हैं. यानी कि आप उसे वारंटी पीरियड के अंदर उस सामान को ठीक करवा सकते हैं. यहां पर आपको ध्यान रखना चाहिए कि वारंटी में आपका सामान बदला नहीं जाएगा बल्कि उसी सामान को रिपेयर किया जाएगा और इसके लिए आपसे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है|

वारंटी को आप एक्स्ट्रा पैसे देकर बड़वा भी सकते हैं. अक्सर वारंटी का टाइम पीरियड गारंटी से ज्यादा होता है क्योंकि इसमें कंपनी को प्रोडक्ट बदलना नहीं होता बल्कि रिपेयर करना होता है जिसमें खर्चा कम आता है| यदि आप अपने सामान पर वारंटी हासिल करना चाहते हैं तो आपको दो शर्तों का पालन करना होगा या तो आपके पास सामान का ओरिजिनल वारंटी बिल होना चाहिए या फिर आपके पास वारंटी कार्ड होना चाहिए| ज्यादातर सामान की वारंटी 1 साल की आती है यदि आपका सामान वारंटी पीरियड खत्म होने के बाद खराब होता है तो दुकानदारी कोई जिम्मेदारी नहीं होती कि वहां आपके सामान को रिपेयर करवा कर दे|

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गारंटी क्या होती है

दोस्तों यदि आपको किसी प्रोडक्ट पर गारंटी दी जाती है तो आप उस सामान को खराब होने की स्थिति में बदलवा सकते हैं, उसके बदले में आपको बिल्कुल नया सामान दे दिया जाता है| गारंटी में कंपनी को प्रोडक्ट बदल कर देना पड़ता है इस वजह से इसका टाइम पीरियड अक्सर कम ही रखा रहता है और वारंटी की तरह आप गारंटी को आगे भी नहीं बढ़ा सकते हैं| गारंटी हासिल करने के लिए भी आपके पास दो चीजों का होना जरूरी है या तो आपके पास सामान का पक्का बिल हो या फिर गारंटी कार्ड होना चाहिए| यदि आपका कोई प्रोडक्ट खराब हो गया है तो आप गारंटी कार्ड में या बिल में उसके टाइम को चेक कर लें क्योंकि अगर आप उस प्रोडक्ट को गारंटी पीरियड खत्म होने के बाद दुकानदार के पास लेकर जाएंगे तो वह आपको बदल कर नहीं देगा| यदि आप समान को गारंटी पीरियड में दुकानदार के पास ले जाते हैं तो आपको बिल्कुल उसी प्रकार का नया प्रोडक्ट दे दिया जाता है|

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इंपलाइड और एक्सप्रेस वारंटी क्या होती है

वारंटी में एंप्लाइज और एक्सप्रेस वारंटी भी होती है. इंप्लाइज वारंटी स्पेशल पर्पज के लिए किसी भी प्रोडक्ट की बिक्री और फिटनेस को कवर करती है. यह एक वादा होता है कि बेचा जाने वाला सामान उम्मीद के मुताबिक ही काम करेगा| मान लीजिए आपने कोई फ्रिज खरीदा है और फ्रिज का काम होता है सामान को ठंडा रखना, अगर आपका फ्रिज सामान को ठंडा नहीं रखता है और आपके पास चाहे वारंटी कार्ड हो या ना हो उसे वारंटी से कवर किया जा सकता है और दुकान दार को फ्री में उसकी रिपेयरिंग करके आपको देनी होगी. इसी प्रकार से प्रोडक्ट अपना काम बिल्कुल सही से करेगा यह एक एक्सप्रेस या एंप्लॉयड वारंटी होती है| चाहे दुकानदार आपको इसके बारे में बताएं या ना बताएं|

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दोस्तों उम्मीद करता हूं आप गारंटी और वारंटी के बीच फर्क को समझ गए होंगे और भविष्य में जब भी कोई प्रोडक्ट खरीदेंगे तो आप उसकी गारंटी और वारंटी को आसानी से समझ जाएंगे |

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