Clock

घड़ी में ज्यादा से ज्यादा 12 ही क्यों बजते हैं? , क्यूआर कोड क्या है?

EH Blog Interesting Facts
बवंडर या टोर्नेडो क्या होते हैं? क्या टोर्नेडो हमारे देश में भी आते हैं ?
टोर्नेडो मूलतः वात्याचक्र है | यानी घुमती हवा | इसे  हम चक्रवात भी कह सकते है | यह हवा न सिर्फ तेजी से घूमती है बल्कि ऊपर उठकर चलती है इसकी चपेट में जो भी चीजें आती है वह भी हवा में ऊपर उठ जाती हैं|
tornado
इस प्रकार धुल और हवा से बनी काफी ऊंची दीवार या मीनार चलती जाती है और रास्ते में जो चीज भी मिलती है उसे तबाह कर देती हैं | इसके कई रुप हैं | इसके साथ गड़गड़ाहट, आंधी, तूफान, और बिजली भी कड़कती है | जब ये समुंद्र में आते हैं तो पानी की मीनार जैसी दिवार बन जाती है | हमारे देश में तो अक्सर बवंडर आते रहते हैं |
Clock
Clock
घड़ी में ज्यादा से ज्यादा 12 ही क्यों बजते हैं ?
दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी घड़ी में ज्यादा से ज्यादा 12 ही क्यों बजते हैं | अगर सोचा है और आपको नहीं पता चला या फिर आपने नहीं सोचा तो भी आज हम आपको बता देंगे कि हमारी गाड़ी में ज्यादा से ज्यादा 12 ही क्यों बजते हैं | हम जानते हैं कि धरती अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्र पूरा करती है इस 24 घंटे को हम 1 दिन कहते हैं | जिनको हमने 24 घंटे में बांटा है | इन 24 में से आधे में दिन व आधे में रात होती है | इसीलिए 12 घंटे की घड़ी होती है | दिन और रात को अंग्रेजी में AM और PM लिखकर हम पहचानते हैं | हालांकि  24 घंटे वाली गाड़ियां भी होती हैं | रेलवे ही घड़ी में तो 23 और 24 भी बजते है. What is QR Code 
What is QR Code
What is QR Code
क्यूआर का मतबल है क्विक रिस्पांस या क्विकली रीड कोड | इसे पढ़ने के लिए क्यूआर कोड रीडर और स्मार्ट फोन से की जरूरत होती है | इसके लिए फोन के अलग-अलग ओस के प्लेटफार्म के लिए विभिन्न एप्लीकेशन ऐप स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध है | क्यूआर कोड रीडर में ब्लैक एंड वाइट पैटर्न के छोटे-छोटे वर्ग होते हैं, इन्हे आप कई जगह देखते हैं जैसे कि उत्पादों पर, मेग्जिन पर, किताबों पर ,और अखबारों में | इस कोड को टेक्स्ट, ईमेल, वेबसाइट, फोन नंबर और अन्य से सीधे लिंक किया जा सकता है | जब आप किसी उत्पाद पर छपे क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं तब आप इंटरनेट की मदद से सीधे उस साइट पर जा सकते हैं जहां पर उसके बारे में ज्यादा जानकारी होती है | क्यूआर कोड को 1994 में टाटा समूह में एक जापानी सहायक डेंसो वेव ने बनाया था | जब उसका उद्देश्य था कि किसी वाहन के निर्माण के दौरान उसे ट्रैक करना |
Languages
Languages
जब भाषाएं नहीं बनी थी तब इंसान कैसे बात करते थे ?
दोस्तों सोचने वाली बात है कि जब इस दुनिया में भाषाएं बनी ही नहीं थी तो इंसान बात कैसे क्या करते थे | आप इस चीज को छोटे बच्चों में देखने की कोशिश करें | वह भाषा को नहीं जानते पर अपनी बात कह लेते हैं और हम समझ भी जाते है | मनुष्य की मूल प्रवृत्ति संसार की भाषा का विकास अपने आप होता गया और हो रहा है | जब भाषा ही नहीं बनी थी तब भी आवाजों इशारों की भाषा थी |
दोस्तों आर्टिकल लिखने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ती है और मेरा काफी समय लग जाता है इसलिए में आपसे एक लाइक और शेयर की उम्मीद करता हूं..

Connect With Us on Facebook