अगर आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको तत्काल निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी चाहिए |रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे बहुत से क्षण आते हैं जब हमें तत्काल ही कोई फैसला करना पड़ता है ऐसे समय में फैसले के सही या गलत होने से ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है फैसले का लिया जाना | अगर आप सही समय पर फैसला नहीं कर पाते हैं तो कई अवसर खो बैठते हैं | इस में दो तरह की संभावनाएं रहती हैं एक तो यह कि सही फैसला लिए जाने पर आपका फायदा होगा और दूसरा गलत फैसला लिए जाने पर आपको एक सीख मिलेगी | अपनी जिंदगी को बेहतर ढंग से जीने के लिए फैसले लेने की कला में आपको माहिर बनना होगा | फैसला लेंगे तो जीवन में सफलता जरूर मिलेगी इसके लिए कुछ इस तरह आपको प्रयास करने चाहिए | दोस्तों कोई फैसला न लेने से अच्छा है आप कोई फैसला ले चाहे | चाहे वह गलत ही क्यों ना हो |
खुद में कभी भी ना उलझे
बहुत से लोग किसी भी फैसले को लेने से पहले उसके परिणामों और उससे जुड़ी बुरी संभावनाओं के एक एक पहलू पर इतना सोचने लगते हैं कि वह एक चक्कर में उलझ कर ही रह जाते हैं | किसी भी चीज का इतना ज्यादा विश्लेषण करने पर वह एक छोटा सा फैसला भी खुद नहीं कर पाते हैं | इसके उन्हें दो नुकसान होते हैं एक तो उनके दिमाग में दुंद चलता रहता है और दूसरा उनके अपने आप में ही उलझे रहने का फायदा उनके प्रतिद्वंदी उठा ले जाते हैं | तमाम विकल्प को पर सोच सोच कर अपनी उर्जा गवा चुके ये लोग प्रतिद्वंदियों का छोटा सा दाव भी विफल नहीं कर पाते | आपको कोई भी फैसला लेते समय सोच विचार जरूर करना चाहिए पर इसमें ज्यादा उलझने के बजाय अपने फैसले को सही साबित करने के लिए कड़ी मेहनत में जुट जाना चाहिए | कड़ी मेहनत से अपने किसी भी फैसले को सही साबित किया जा सकता है |
तय करें डेडलाइन
बेशक महत्वपूर्ण फैसले लेने में उनके फायदे और नुकसान पर गौर कर लिया जाना चाहिए | लेकिन यह बिल्कुल सही नहीं है कि आप उनके विश्लेषण में फैसले लेने का सही समय गवा दें | इससे बचने के लिए अपने लिए एक डेडलाइन तय करें | दोस्तों किसी भी काम को करने का एक वक्त होता है और हर कार्य को निश्चित समय में पूरा करने से उसकी सफलता के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं | एक बार फैसला लेने के बाद आपको उस पर अडिग रहना चाहिए | डेडलाइन के बाद आपको फैसले पर विचार नहीं करना चाहिए, डेडलाइन के बाद आपको सिर्फ कर्म करना चाहिए और दुनिया को दिखा देना चाहिए कि आपका फैसला सही था |कई बार ऐसा होता है कि समय निकल जाता है और हम तय नहीं कर पाते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं | इसलिए डेडलाइन का भी काफी महत्व होता है डेडलाइन यानी कि एक निश्चित समय के बाद भी अपनी प्लानिंग को बदलने वाला व्यक्ति हमेशा उलझन में ही रह जाता है | आपको उलझने के बजाए हमेशा अपने लक्ष्य की ओर ध्यान देना चाहिए |
गलत होना भी सही है
अक्सर वे लोग फैसले नहीं ले पाते जो हमेशा सही होना जरूरी मानते हैं | सबसे पहले तो यह बात समझ ले कि आप इंसान हैं और इंसान गलतियों से ही सीखता है इसलिए हर फैसले में अत्यधिक सावधानी वाली अप्रोच अपनाने से बचें | यह आपको सनकी बना सकती है, जब आप गलती की आशंका स्वीकार करना सीख जाएंगे तब आप उस गलती के कारण पैदा होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए भी खुद को तैयार कर पाएंगे | इस तरह आप अपने दिमाग को खुलकर सोचने का अवसर देते हैं | दिल और दिमाग को लगातार गलती से बचने की हिदायत देते है | अगर आप उसे कहीं दब्बू ही ने बना बैठे ज्यादा सोच विचार या प्लानिंग करने से आपके जोखिम लेने की क्षमता घटती जाती है | इससे आप सिर्फ घिसे-पिटे ढर्रे पर ही चलते हैं और किसी नए काम को करने का निर्णय नहीं ले लेते हैं | यह सफलता के लिए सबसे घातक है |