सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड पर बड़ा फैसला दिया है और इसी के साथ ही आधार एक्ट के सेक्शन 47, सेक्शन 57 और सेक्शन 33 सब सेक्शन २ को रद्द कर दिया गया है| सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट 2016 के तीन सेक्शन को रद्द किया है| जिनमें से पहला है- सेक्शन 47
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सेक्शन 47 को अनकॉन्शियसनल करार कर दिया है| इसके तहत डेटाबेस के लिए अपराधिक मुकदमे को दर्ज कराने की इजाजत सिर्फ UIDAI को ही थी लेकिन अब इस सेक्शन की रद्द होने के बाद कोई भी शख्स जिसे ऐसा लगता है कि उसके डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है वो अपराधिक मुकदमा दर्ज करा सकता है|
सेक्शन 57 के तहत किसी शख्स की पहचान को वेरीफाई करने के लिए आधार की जानकारी का इस्तेमाल करने की इजाजत थी| लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब ये अनकॉन्शियसनल हो चुका है| जजेस ने यह कहा है कि किसी शख्स के सत्यापन के लिए पहले से ही तमाम अरेजमेंट मौजूद हैं| ऐसे में आप इस तरह के सेक्शन के जरिए लोगों की निजता में दखल नहीं दे सकते| सुप्रीम कोर्ट की बैच ने कहा कि प्राइवेट कंपनियों को आधार कार्ड के डाटा को जमा करने की अनुमति देने वाले आधार कानून की सेक्शन 57 को रद्द किया जाता है|
सेक्शन 33 सब सेक्सन 2 – इस सेक्शन में यह प्रोविजन था कि किसी भी शख्स की जानकारी के बारे में खुलासा किया जा सकता है| लेकिन अब इस सेक्शन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है| लिहाजा अब किसी शख्स की जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता|
अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया तो हमे फॉलो करें और आर्टिकल को लाइक करें, कमेंट करें|