हेल्लो दोस्तों मेरा अनिल पायल है, फिल्मों में अक्सर दिखाया जाता है कि, एक थाली में दो सूखी रोटी थोड़ी सी सब्जी और एक एलमुनियम मग में पानी ही उन कैदियों का नसीब होता है जो जेलों में बंद है | आज हम बात करने वाले हैं कि जेलों में कैदियों को कैसा खाना दिया जाता है |
इन राज्यों की सरकारें सबसे ज्यादा खर्च करती हैं अपने कैदियों पर
असल में जेलों में कैदियों को कैसा खाना मिलता है यह स्टेट पर डिपेंड करता है कि वहां की सरकारे अपने कैदियों पर कितना खर्च करना चाहती है, क्योंकि भारत में जेलों का मैनेजमेंट राज्य सरकारों के पास है| NCRB यानी नेशनल क्राइम्स रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक राज्य सरकारे औसतन प्रति कैदी ₹52.42 पैसे खर्च करती है | जिसमें उन्हें सुबह के नाश्ते के साथ दो टाइम का खाना भी मुहैया कराया जाता है | जम्मू-कश्मीर और नागालैंड की सरकारें अपने कैदियों पर सबसे ज्यादा खर्च करती है तो वहीं दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश की सरकारे अपने कैदियों पर सबसे कम खर्च करती है |
Hindu Marriage Act ,पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करना कानूनी है या गैर कानूनी!
यह मिलता है ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में कैदियों को
होम मिनिस्ट्री द्वारा मॉडल प्रीजम मैनुअल में यह गाइडलाइन दी गई है कि पुरुष कैदी को 2320 कैलरी और महिलाओं को 1900 कैलरी रोजाना मिलनी चाहिए| लेकिन जो प्लेट पर मिलता है वह बहुत ही बुरा होता है पतली दाल, चार रोटियां और कुछ साधारण चावल भी मिलते हैं | खाना लिमिटेड ही मिलता है इसलिए कुछ कैदी खाना बांट कर खाते हैं तो कुछ कैदी बाहर से खाना मंगाते हैं| लेकिन बाहर से खाना मंगाने के लिए स्पेशल परमिशन लेनी होती है एक बार परमिशन मिलने पर आप कुछ लिमिटेड खाना ही बाहर से मंगा सकते हैं और यह परमिशन भी हर बार नहीं मिलती है | एक बंदा जो अभी नया-नया ताजा तिहाड़ जेल से छूटा है उससे पता चलता है की ब्रेकफास्ट सुबह 7:00 बजे मिलता है जिसमें चाय और पोहा या फिर कुलचे और छोले मिलते हैं | लंच 12:30 पर मिलता है जिसमें 4 रोटी होती है 1 सीजनल सब्जी होती है या फिर चावल और दाल होते हैं | शाम में चाय और बिस्किट भी मिल जाते हैं जबकि डिनर में सेम लंच वाला खाना ही उसमें कुछ सब्जियां अलग हो सकती है और अगर लंच में खाना बच जाता है तो वही खाना डिनर में भी मिलता है| संडे एक मजेदार दिन होता है उसमें पनीर की डिशेज कढी और राजमा भी मिलता है |
जिगोलो गंदा है पर धंधा है… यहां महिलाएं लगाती हैं मर्दों की बोली!
Prisoners food menuजेलों में कैदी यह कर सकते हैं पूरी आजादी से
तिहाड़ जेल में एक बेकरी भी है जहां मार्केट से ज्यादा अच्छे बेकरी आइटम्स मिलते हैं जेल का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं| कई लोग तो सिर्फ इसलिए डर जाते हैं कि जेलों में बहुत ही बुरा खाना मिलता है जेलों में कैंटीन भी होती है जहां से कैदी खाना खरीद सकते हैं| कैदी हर महीने अपने घर से ₹2000 तक मंगा सकते हैं इसके अलावा कैदी जो जेलों में काम करते हैं वहां से भी उन्हें पैसे मिलते हैं तो उन पैसों से भी कैंटीन से खाना खरीद सकते हैं| तो नतीजा यह निकलता है कि हर जेल में अलग तरह का खाना मिलता है किसी जेल में काफी सही खाना मिलता है तो किसी जेल में बहुत ही बुरा खाना मिलता है| जैसे कि गुड़गांव की डिस्ट्रिक्ट जेल से छूटे एक कैदी से पता चलता है कि वहां पर जो दाल मिलती है उसमें 90% पानी होता है जबकि नागालैंड, जम्मू कश्मीर की जेलों में काफी बैटर खाना मिलता है |
सड़क किनारे दांत निकालना और कान साफ करना है गैरकानूनी, भारत के 14 अजीबोगरीब कानून!
दोस्तों आर्टिकल लिखने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ती है और मेरा काफी समय लग जाता है इसलिए में आपसे एक लाइक और शेयर की उम्मीद करता हूँ… धन्यवाद
Connect With Us on Facebook | Follow us on Instagram | Join WhatsApp Group