महिलाये किसी भी देश के लिये ईज्जत और उसकी शान होती है। परन्तु भारत आजकल महिलाओ के लिये सबसे खतरनाक देश बन चुका है। हमारे देश भारत में महिलाओ और बेेेटिओ पर बहुत सी अत्याचार की घटनायेे सामने आयी है। नीचे हम इस बिषय पर चर्चा करेंगे।
भारत में और कभी-कभी पाकिस्तान और बांग्लादेश में पुरुषों द्वारा महिलाओं के सार्वजनिक यौन उत्पीड़न, सड़कों पर परेशान करने या छेेड़खानिया होती रहती है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ ऐसा अपराध है जिसे प्रमाणित करना बेहद मुश्किल है, चूंकि अपराधी अक्सर महिलाओं पर हमले के सरल तरीक़े ढूंढ़ लेते हैं, हालांकि कई नारीवादी लेखकों ने इसे “छोटे बलात्कार” का नाम दिया है,और सामान्यतः यह सार्वजनिक स्थलों, सड़कों और सार्वजनिक वाहनों में घटित होता है।
1.सबसे पहले उस भयानक रात हुए अपराध की बात करते हैं- युवा महिला और उनके पुरुष दोस्त रात के साल 2012 की 16 दिसंबर की रात नौ बजे के आसपास एक बस में चढ़े. बस के ड्राइवर और उसमें सवार पांच अन्य लोगों ने चलती बस में महिला का बलात्कार किया और उनके दोस्त को बुरी तरह पीटा. इसके बाद दोनों को नग्न अवस्था में सड़क के किनारे मरने के लिए छोड़ दिया. रास्ते में आते-जाते लोगों ने उन्हे देखा और पुलिस को बुलाया जो उन्हें लेकर अस्पताल गई. करीब दो सप्ताह तक वो बहादुर लड़की अपनी ज़िन्दगी से लड़ती रही, लेकिन फिर गंभीर ज़ख्मों के कारण उसकी मौत हो गई. उनके दोस्त अब भी जीवित हैं और इस घटना को एक बदनुमा दाग़ मानते हैं जिसे मिटाया नहीं जा सकता।
2.जीशा के साथ हुआ अत्याचार
रेलवे स्टेशन में भीड़-भाड़ और अफरातफरी में वो अपने परिवार से बिछड़ गई. वो लोग चलती ट्रेन में चढ़ गए और वो पीछे प्लेटफॉर्म पर ही छूट गई. वो काफी देर कर प्लेटफ़ॉर्म पर बैठी रोती रही, एक उदार दिखने वाले सिख व्यक्ति ने उसकी मदद की पेशकश की. उसने बताया कि वो एक ट्रक ड्राइवर है और उसे उसके घर ले जएगा. उसके पास पैसे नहीं थे, तो उसने सिख व्यक्ति की बात मान ली. अगले चार दिन तक उसे ट्रक में ही घुमाया जाता रहा. ट्रक ड्राइवर और तीन अन्य पुरुषों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. बाद में उसे मरा समझ कर वो लोग उसे सड़क किनारे फेंक कर आगे बढ़ गए. यहां किसी ने उसे देखा और उसे अस्पताल पहुंचाया गया.
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