हेलो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, दोस्तों Apple का नाम तो आपने सुना ही होगा. मैं खाने वाले एप्पल की बात नहीं कर रहा हूं मैं यहां पर दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल बनाने वाली कंपनी एप्पल की बात कर रहा हूं. जिसके फोन iPhone नाम से बिकते हैं| शायद ही दुनिया में कोई ऐसा मोबाइल यूजर होगा जिसने Apple का नाम ना सुना हो, लेकिन आप यह अनुमान भी नहीं लगा सकते कि Apple कितनी बड़ी कंपनी है. आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा Apple कितनी बड़ी कंपनी है और आपको कुछ उदाहरण देकर समझाने की कोशिश भी करुंगा|
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Apple रेवेन्यू के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी है और दुनिया के टॉप 5 फोन मेंफैक्चर कंपनियों में से एक है. इसके साथ एप्पल दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी भी है.
Apple का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 910 बिलियन डॉलर से ज्यादा है, यानी कि 60 लाख करोड रुपए से ज्यादा| Google की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का मार्केट कैप 790 बिलियन डॉलर है. अमेजॉन का 760 बिलियन डॉलर, माइक्रोसॉफ्ट का 728 बिलियन डॉलर और Facebook का 537 बिलियन डॉलर कैपिटलाइजेशन है.
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Apple कंपनी के पास 285 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 18.5 लाख करोड़ रुपए कैश हैं. जिससे Apple भारत की 3 सबसे बड़ी कंपनियां Reliance, TCS और HDFC बैंक को एक साथ खरीद सकती है. और इन कंपनियों को खरीदने के बाद भी Apple के पास 2 लाख करोड रुपए कैश बच जाएंगे.
Apple के पास इतने पैसे हैं कि वह दुनिया के हर इंसान को ₹2400 दे सकते हैं और अगर Apple चाहे तो हर एक भारतीय को ₹13500 दे सकती है.
इंडिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मार्केट कैपिटलाइजेशन 88 मिलियन डॉलर है यानी की 5.7 लाख करोड रुपए है
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सबसे इंटरेस्टिंग बात यह है कि एप्पल के पास 285 बिलियन डॉलर कैश में है जबकि Microsoft के पास 134 मिलियन डॉलर, Google के पास 100 बिलियन डॉलर, Facebook के पास 38 बिलियन डॉलर और Amazon के पास 25 बिलियन डॉलर कैस है. मतलब माइक्रोसॉफ्ट, Google, Facebook और Amazon को मिलाकर टोटल जितना कैस बनता है उतना अकेली Apple कंपनी के पास है.
Apple कंपनी सिर्फ अपने कैस पैसे से नेटफ्लिक्स, उबर, टेस्ला, Twitter और स्नैपचैट को एक साथ खरीद सकती है.
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अगर एप्पल एक देश होता तो कैश रिजर्व के मामले में 11 नंबर पर होता. USA के पास 123 बिलियन डॉलर कैश रिजर्व है लेकिन Apple के पास उससे भी ज्यादा है. लेकिन इंडिया से कम है क्योंकि इंडिया के पास 420 बिलियन डॉलर कैश रिजर्व में हैं. तो Apple 10 देशों को छोड़कर बाकी दुनिया के किसी भी देश को खरीद सकता है.
Apple भारत के सारे प्राइवेट बैंक, टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, ट्रक कंपनियां जैसे कि SBI, Maruti, आईसीआईसीआई बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, Bajaj, Mahindra, Punjab National Bank, अशोक लेलैंड इत्यादि सब को एक साथ खरीद सकता है अगर हम HDFC बैंक को हटा दे तो.
अब आप सोचो कि एक Apple कंपनी के पास कितना पैसा है?
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चाइनीज कंपनी पेट्रो चाइना कुछ समय के लिए 2007 में ट्रिलियन डॉलर कंपनी बनी थी. अब Apple भी 2019 में ट्रिलियन डॉलर कंपनी बन सकती है. एक बार आप सोच कर देखो एप्पल की वैल्यू 65 लाख करोड रुपए होने वाली है.
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2003 में एप्पल का स्टॉक प्राइस $1 से भी कम था और आज एप्पल का शेयर प्राइस $180 है. यदि 2003 में आपने Apple कंपनी में 60 हजार रुपए इन्वेस्ट किए होते तो आज 15 साल बाद आपके पास 1 करोड रुपए से भी ज्यादा होते.
ऊपर जितने भी उदाहरण मैंने आपको दिए हैं उस प्रकार से apple कभी नहीं करेगा. क्योंकि इसके कुछ कारण है. एप्पल का 250 मिलियन डॉलर यानी 16 लाख करोड रुपए से भी ज्यादा कैश USA से बाहर है जिसके लिए Apple कंपनी को कम टैक्स देना पड़ता है. अब डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने टैक्स 35 परसेंट साडे 15 परसेंट कर दिया है तो Apple कुछ कैस पैसे वापस ला सकती है लेकिन फिर भी चांस बहुत कम है कि Apple कोई बड़ी कंपनी खरीदे.
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एप्पल ने आज तक सबसे बड़ी कंपनी बीट्स इलेक्ट्रॉनिक को खरीदा था. इस कंपनी को एप्पल ने साल 2014 में 3 बिलियन डॉलर में खरीदा था. Apple आमतौर पर छोटी कंपनियां खरीदती है और अपने प्रोडक्ट के साथ में मिला देते हैं जैसे उन्होंने साल 2010 में सीरी को खरीदा था और आज सीरी Apple के हर डिवाइस में वॉइस असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहा है.
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Apple कंपनी बहुत ही समझदार है. यह उन्हीं कंपनियों को खरीदती है जिनसे कि उनके प्रोडक्ट और बेहतर क्वालिटी के बन सके हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि Apple इतने पैसे का क्या करेगा? एक अनुमान के मुताबिक एप्पल इन पैसों को अपने शेयर वापस खरीदने में खर्च करेगा. पिछले 4 साल में एप्पल ने 234 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं अपने स्टॉक वापस खरीदने में और डिविडेंड देने में.
Apple को हर एक iPhone बनाने में लगभग $200 खर्च आता है यानी कि 12 से ₹13000 और Apple अपने हर एक iPhone को 600 से $700 में बेचता है यानी कि ₹36000 से लेकर ₹42000 में. Apple अपने हर फोन से लगभग $150 यानी कि ₹10000 कमाता है.
Samsung अपने हर फोन पर करीब $1 कमाता है यानी कि ₹1900, Oppo $14 यानी कि ₹900, विवो $13 यानी कि ₹833 हर फोन पर कमाता है जबकि MI सिर्फ $2 कमाता है यानी कि सिर्फ ₹128 हर फोन पर कमाता है. पूरी मोबाइल इंडस्ट्री में अकेला Apple 60% प्रॉफिट कमता है. जबकि दूसरे नंबर पर Samsung है जो कि सिर्फ 26 परसेंट कमाता है. 2005 में एप्पल का प्रॉफिट 1.3 बिलियन डॉलर था यानी कि करीब 8400 करोड़ रूपए. जबकि 2017 में उनका प्रॉफिट बढ़कर 48 बिलियन डॉलर हो गया यानी कि 3.1 लाख करोड रुपए गया.
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दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं आपको जानकारी बहुत पसंद आई होगी. आप Apple कंपनी के बारे में क्या सोचते हैं ? क्या आप भी Apple कंपनी का मोबाइल यूज करते हैं? और क्या आपका भी कोई कंपनी स्टार्ट करने का प्लान हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं….