भारत में कंप्यूटर्स पर मंडराया वायरस का खतरा! विंडोज कंप्यूटर व एंड्राइड मोबाइल टारगेट
भारत उन शीर्ष 7 देशों में शामिल है, जहां रैनसमवेयर का खतरा सबसे ज्यादा है। इस साल दुनिया भर में विंडोज, एंड्रायड, लिनक्स और मैकओएस सिस्टम पर साइबर हमलों में तेजी आई है। एक नई रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है। भारतीय कंप्यूटर्स पर लगातार वायरस अटैक का खतरा मंडरा रहा है। सोफोसलैब्स द्वारा की गई ट्रैकिंग से पता चलता है कि रैनसमवेयर से प्रभावित डिवाइसेज में 45.3 फीसदी वन्नाक्रिप्ट से तथा 44.2 फीसदी सेरवेर से प्रभावित रहे हैं। वहीं, एंड्रॉयड रैनसमवेयर साइबर अपराधियों को भी आकर्षित करने में लगे हुए हैं।
सोफोसलैब्स के सुरक्षा शोधार्थी डोरका पालोटे ने शनिवार को एक बयान में कहा, “रैनसमवेयर ज्यादातर विंडोज कंप्यूटर को निशाना बनाता है, लेकिन इस साल सोफोसलैब्स ने दुनियाभर के हमारे ग्राहकों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अलग-अलग डिवाइसों और ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर इनके हमले में बढ़ोतरी को देखा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दुनिया भर में विंडोज, एंड्रॉयड, लिनक्स और मैकओएस सिस्टम पर साइबर हमलों में तेजी आई है। जानकारी मिली है क वैश्विक नेटवर्क और एंड प्वाइंट सिक्यूरिटी के क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सोफोस की ‘सोफोसलैब्स 2018 मालवेयर फोरकास्ट’ के मुताबिक 2 तरह के एंड्रॉयड हमले का खतरा बढ़ रहा है इनमें एक बिना एनक्रिप्टिंग डेटा के फोन लॉक करना तथा दूसरा डेटा के एनक्रिप्टिंग के दौरान फोन को लॉक करना है।
एंड्रायड रैनसमवेयर साइबर अपराधियों को भी आकर्षित कर रहे हैं। क्योंकि एंड्रायड में साइबर अपराधियों के लिए पैसा बनाना ज्यादा आसान है। इसकी जगह कांटैक्ट या एसएमएस चोरी करने, पॉप अप एड दिखाने या बैंक फिशिंग जैसे अपराधों के लिए अधिक परिष्कृत तकनीक की जरूरत होती है। सोफोसलैब्स द्वारा की गई ट्रैकिंग से पता चला है कि रैनसमवेयर से प्रभावित डिवाइसेज में 45.3 फीसदी वन्नाक्रिप्ट तथा 44.2 फीसदी सेरवेर से इफेक्ट हुए थे। एंड्रॉयड रैनसमवेयर साइबर अपराधियों को भी आकर्षित कर रहे हैं। इसके विश्लेषण के मुताबिक, एंड्रॉयड डिवायसेज का इस्तेमाल करने वाले सोफोस के ग्राहकों पर साल 2017 में हर महीने साइबर हमलों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि एंड्रॉयड रैनसमवेयर मुख्य तौर से गैर-गूगल प्ले मार्केट में पाए गए हैं। यह एक और कारण है कि यूजर्स बहुत सर्तक रहें कि वे कहां से और किस प्रकार का एप डाउनलोड कर रहे हैं। सोफोस ने कहा है कि यूजर्स कंप्यूटर की तरह अपने फोन्स का समय-समय पर बैकअप लेते रहें।
शोधार्थी ने बताया, “यह जानना महत्वपूर्ण है कि एंड्रायड रैनसमवेयर मुख्य तौर से गैर-गूगल प्ले मार्केट में पाए गए हैं। यह एक और कारण है कि यूजर्स बहुत सर्तक रहें कि वे कहां से और किस प्रकार का एप डाउनलोड कर रहे हैं।” सोफोस ने कंप्यूटर की तरह फोन्स का समय-समय पर बैकअप लेते रहने की सलाह दी है।