अंगुलियां चटकाना हम लोगों के लिए बुरा माना जाता है. हमारे यहां किसी के घर पर भी बड़े बुजुर्ग भी अक्सर अंगुलियां चटकाने के लिए मना करते हैं उनके लॉजिक कुछ अलग होते हैं| वह बताते हैं हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं या फिर यह गलत होता है, अपशगुन होता है|
अंगुलियां चटकने का कारण यह भी है जैसे कि कोई मशीन होती है उसी तरह हमारी बॉडी में जोड़ होते हैं जैसे घुटना. वहां जो स्पेस होता है उसमें सिनो वाइल नाम का फ्लूड होता है यह वही काम करता है जो मशीनों में ग्रीस का होता है| हड्डियां चटकने की नौबत तब आती है जब किसी फ्लूड में कार्बन डाइऑक्साइड जा मिलती है तब अंगुलियों में बुलबुले बन जाते हैं जब हम इनको मुड़ते हैं या चटकाते हैं तो वे बुलबुले फूट जाते हैं और इसी वजह से अंगुलियों से चटकने की आवाज आती है. यहां पर एक तस्वीर देखिए एक सक्स अंगुलियां चटकाने की कोशिश कर रहा है|
हालांकि उंगलियां तो सभी चटकाते हैं कभी कबार सुबह उठते हैं तो शरीर की बॉडी में लचीलापन नहीं होता तो हम अपने शरीर को लचीला पन लाने के लिए हम अपने शरीर को चटकाते हैं. जैसे उंगलियां चटकाते हैं. एक चीज़ इसमें यह भी है की एक बार उंगलियां चटका ले तो एक बार वह बुलबुला फूट जाता है तो उसके बाद आवाज क्यों नहीं आती है उसका कारण यह है कि लिक्विड में जो कार्बन डाई ऑक्साइड घुलती है उसको एक बार के बाद दूसरी बार घुलने मैं आधा घंटा लगता है| यह जो कहा जाता है कि यह हड्डियों के लिए खतरनाक है यह वाकई में सही बात है. इस चीज को हल्के में लेना आप सभी को भारी पड़ सकता है इस पर कई सारे रिसर्च हुए हैं एक रिपोर्ट यह भी बताती है कि हड्डियां आपस में लिगामेंट से जुड़ी होती हैं.
बार-बार उंगलियां चटकाने से उनके बीच में सिनौवाइल लिक्विड होता है यह कम होने लगता है. अब अगर यह पूरी तरह से खत्म हो गया तो गठिया भी हो सकता है इसके साथ ही जोड़ों को बार-बार खींचा जाए तो हड्डियों पर हमारी पकड़ होती है वह भी कम हो जाती है| हालांकि कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी ने इस पर रिसर्च किया है. उंगली फोड़ने से बीमारी होने की बात हर रिसर्च से साबित नहीं हुई है लेकिन हर रिसर्च ये जरूर बताती है कि इस तरह उंगलियां चटकाने से हड्डियों को कुछ ना कुछ दिक्कत हो सकती है.
तो यह था अंगुलियां चटकाने का साइंटिफिक लॉजिक| साइंस के पास जो जवाब है वह हमने आपको बताया|