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#EducationHouse Question Answer (3)

EducationHouse Question Answer 3

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के जज कैसे नियुकत होते हैं ?

दोस्तों आप भारत के सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के जज नियुक्ति के बारे में जानते होंगे लेकिन आज हम आपको अंतरराष्ट्रीय यानिकी इंटरनेशनल कोर्ट के जज की नियुक्ति की प्रक्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं |

#EducationHouse Question Answer (2)

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस 15 जज होते हैं जिनमें से प्रत्येक का कार्यकाल 9 साल का होता है | सदन में निरंतर बनाए रखने के लिए हर एक 3 साल में एक तिहाई सदस्य नए आते हैं इसके लिए इनका चुनाव होता है | चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद मिल कल करती हैं. प्रत्याशी को दोनों सदनों में स्पष्ट बहुमत मिलना चाहिए | कई बार एक बार में पूरा बहुमत नहीं मिलता तो मतदान के कई दौर होते हैं. किसी सदस्य का निधन होने पर या उनके त्यागपत्र देने के बाद भी सीट खाली होने पर चुनाव होता है | चुनाव न्यूयॉर्क में महासभा का शत्र होने पर होते हैं जो हर साल सर्द में होता है | हाल में हुए 5 सीटों के चुनाव में ऐसी स्थिति आ गई जब मामला 11 दोर केस मतदान तक खींच गया था | इस साल 5 सीटों के लिए चुनाव हुवा. चार जजो का चुनाव होने के बाद पांचवें स्थान के लिए भारत के दलवीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच मतदान की नौबत आ गई | 11 दौर के मतदान के बाद भी फैसला नहीं हो पाया. अंतिम दौर में महासभा में दलवीर भंडारी को बहुमत मिला और सुरक्षा परिषद में ब्रिटिश प्रत्याक्षी हो अंततः ब्रिटिश सरकार ने चुनाव से हटाने का फैसला किया. EducationHouse Question Answer 3

गोलमेज वार्ता क्या होती है?

दोस्तों आपने कई बार गोलमेज वार्ता का नाम सुना होगा लेकिन आज हम आपको बताएंगे गोलमेज वार्ता होती क्या है ? दरअसल गोलमेज वार्ता यानी कई लोगों की बातचीत जो एक दूसरे के सामने हो | मैज का गोल आकार सबको आमने सामने आने का मौका देता है | राउंड टेबल कांफ्रेंस में गोल के अलावा मुख्य ध्वनि होती है. बैठ कर बात करना किसी प्रश्न को सड़क पर निपटाने के बजाए बैठकर हल करना | 12 नवंबर 1930 को ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर अनेक पक्षों से बातचीत की तो उसे राउंड टेबल कांफ्रेंस कहा गया | उस बातचीत के कई दौर हुए थे और इसी प्रकार की बातचीत को गोलमेज वार्ता कहा जाता है |

#EducationHouse Question Answer (1)

पृथ्वी का परिक्रमा पथ क्या पूरी तरह गोलाकार है?

दोस्तों हम बचपन से सुनते आ रहे हैं पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है यानी कि एक बोल की तरह गोल है और वह एक ही स्थान पर घूमती रहती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी का परिक्रमा पथ है क्या पूरी तरह से गोलाकार है. चलिए आज हम आपको इसके बारे में कुछ जानकारी देते हैं | पृथ्वी का परिक्रमा पथ पूरी तरह से गोलाकार नहीं है | यह अंडाकार है. अंतरिक्ष में पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा कहीं नहीं मिलती | पूरी तरह वृताकार न तो ग्रह होते हैं और न ही नक्षत्र | तमाम अंतरिक्षय पिंड एक दूसरे की गुर्त्वा शक्ति से प्रभावित होते हैं | पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी पूरी प्रक्रिया के दौरान घटती-बढ़ती रहती है | दोनों के बीच न्यूनतम दूरी 14 करोड़ 71 लाख 66 हजार 462 किलोमीटर है जिसे रविनीच या पेरिहेलियोंन कहते हैं | अधिकतम दूरी 15,21,71,5 22 किलोमीटर होती है जिसे अफेलियोन या सूर्योचे कहते हैं |

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मीडियम वेव और शॉर्ट वेव रेडियो तरंगे क्या होती है ?

रेडियो तरंगे एक प्रकार का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन है. यह तरंगे पूरे ब्रह्मांड की यात्रा करती हैं  | आप जिन रेडियो तरंगों की बात कर रहे हैं वह कृत्रिम रुप से तैयार की गई तिरंगे है | इनका इस्तेमाल रेडियो, टीवी प्रसारण, मोबाइल फोन, नेविगेशन, उपग्रह संचार, कंप्यूटर नेटवर्क, सर्जरी और माइक्रोवेव ओवन में होता है | इन तरंगों को कई तरह की फ्रीक्वेंसी में इस्तेमाल किया जाता है | मीडियम वेव आमतौर पर 526.5 से 1606.5 किलोहटज्र की फ्रीक्वेंसी में होती है | यह तरंगे धरती की गोलाई के साथ घूम जाती हैं और आयन मंडल से गुजर सकती हैं इस लिहाज से यह स्थानीय से लेकर 1 महाद्वीप प्रसारण तक के लिए उपयोगी हैं | शार्ट वेव इन से काफी ऊंची फ्रीक्वेंसी पर काम करती हैं |

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