सबसे पहले हम बात करते हैं IPC है क्या? IPC यानी INDIAN PENAL CODE में भारत में रहने वाले लोगों के द्वारा किए गए क्राइम को डिफाइन किया गया है और उनके लिए सजा या पनिशमेंट का PROVISION किया गया|
IPC को 1860 में ब्रिटिश काल में लागू किया गया था| जम्मू कश्मीर और इंडियन मिलिट्री को छोड़ कर के पूरे भारत में लागू है| INDIA के साथ साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी IPC लागू है|
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आईपीसी की धारा 506 – यदि कोई भी व्यक्ति अन्य व्यक्ति को धमकी देता है| जैसे कि किसी को जान से मारने की धमकी देना या किसी को आग से जलाना या किसी की प्रॉपर्टी को आग से जला कर खत्म करने की धमकी देना, या किसी का रेप करने की धमकी देना| तो इस तरह की धमकी अपराधिक यानी क्रिमिनल धमकी कहलाती है| ऐसी धमकियां देने पर आईपीसी की धारा 506 लगती है| धमकी के साथ साथ ही अगर कोई व्यक्ति किसी इज्जतदार औरत की आबरू पर उसकी इज्जत पर लांछन लगाता है| तो उसके ऊपर IPC की धारा 506 लगती है| इसको आप ऐसे समझिए कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को किसी ऐसे क्राइम के लिए धमकी देता है| तो उस क्राइम को करने पर कम से कम 7 साल की सजा हो सकती है या मौत की सजा हो सकती या फिर उम्र कैद सजा हो सकती है. IPC की धारा 506 में 7 साल की सजा या जुर्माना या फिर सजा और जुर्माना दोनों का ही PROVISION किया गया है| IPC की धारा 506 में गवाहों की ज्यादा जरूरत नहीं होती| अगर पीड़ित यानी जिस को धमकी दी गई है| वह कोर्ट में यह साबित कर दे कि उसको इस चीज की धमकी दी गई है| तो IPC की धारा 506, धारा 302 और 307 से भी खतरनाक होती है|
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Source: ISHAN LLB